NGO Donation: सरकारी स्कूलों में हाइजीन और सेनिटेशन के मिशन में आप भी दें सहयोग
NGO Donation: मुजफ्फरपुर और वैशाली के कई सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ने तो आते हैं, लेकिन स्वच्छता की सुविधाओं की कमी उनकी सीखने की क्षमता और आत्मविश्वास दोनों को प्रभावित करती है। गंदे टॉयलेट, हैंडवॉश की अनुपलब्धता और माहवारी के दौरान लड़कियों का स्कूल न आ पाना, ये सभी चुनौतियां किसी भी बच्चे के लिए शिक्षा के रास्ते में बड़ी बाधा हैं।
हमारा NGO Sumitra Jan Kalyan Sewa Santhan इन चुनौतियों को बारीकी से समझता है। पिछले कुछ महीनों में हमने कई स्कूलों का सर्वेक्षण किया और पाया कि स्वच्छता व्यवस्था की कमी न सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर भी सीधा असर डालती है।
खासकर लड़कियां माहवारी के दिनों में स्कूल से दूर रहती हैं, क्योंकि न तो साफ टॉयलेट हैं और न ही सैनिटरी पैड की सुविधा। यह समस्या स्कूल छोड़ने की दर बढ़ाने का एक प्रमुख कारण बन रही है।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए, हमारा संगठन अब एक व्यापक “हाइजीन एंड सैनिटेशन ड्राइव” शुरू करने जा रहा है—एक ऐसा अभियान जो बच्चों को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वस्थ वातावरण देने के लिए समर्पित रहेगा। आप भी इस योगदान में सहयोग कर बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। हम क्या करेंगे आगे बता रहे हैं।
इस अभियान के तहत हम निम्न कदम उठाएंगे:
1. साफ-सफाई और टॉयलेट में सुधार
हम स्कूलों में टॉयलेट क्लीनिंग किट उपलब्ध कराएंगे और एक सफाई योजना तैयार करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि हर बच्चे को साफ और उपयोगी टॉयलेट की सुविधा मिले। इसके साथ ही हम स्कूल को यह भी सिखाएँगे कि इस व्यवस्था को लंबे समय तक कैसे बनाए रखा जाए।
2. हैंडवॉश स्टेशन की स्थापना
कई स्कूलों में पानी तो है, लेकिन हाथ धोने की समुचित व्यवस्था नहीं। हम हैंडवॉश स्टेशन स्थापित करेंगे ताकि बच्चे भोजन से पहले और टॉयलेट के बाद आसानी से हाथ धो सकें। साफ हाथ बच्चों को बीमारियों से बचाते हैं और उनकी पढ़ाई पर सकारात्मक असर डालते हैं।
3. लड़कियों के लिए सेनेटरी पैड और जागरूकता सत्र
हम विशेष रूप से लड़कियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे। इसके लिए हम स्कूलों में सेनेटरी पैड उपलब्ध कराएँगे और मेनस्ट्रुअल हाइजीन सत्र आयोजित करेंगे। इससे न सिर्फ लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वे माहवारी के दिनों में भी नियमित रूप से स्कूल आ सकेंगी।
4. स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम
हम बच्चों को मजेदार और इंटरैक्टिव तरीकों से स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे—पोस्टर मेकिंग, नारा लेखन, समूह चर्चा, छोटे-छोटे अभियान आदि। इससे बच्चे स्वयं स्वच्छता के दूत बनेंगे और अपने घरों व समुदाय में भी यह संदेश ले जाएंगे।
यह पूरा अभियान CSR कंपनियों और दानदाताओं के सहयोग से चलाया जाएगा, ताकि सरकारी स्कूलों में स्वच्छता और स्वास्थ्य की एक स्थायी संस्कृति विकसित हो सके। हमारा विश्वास है कि जब बच्चों को सुरक्षित और साफ वातावरण मिलेगा, तो उनकी पढ़ाई, उपस्थिति और आत्मविश्वास तीनों में सुधार होगा। क्योंकि सच में—स्वच्छता से ही शुरू होती है सुरक्षित शिक्षा… और सुरक्षित शिक्षा ही बनाती है उज्जवल भविष्य।